Maut Shayari No. 1 :
Maut Shayari :
जिसकी Yaad में सारे जहाँ को भूल गए,
सुना है आजकल वो Hamara नाम तक भूल गए,
Kasam खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो,
आज वो हमारी लाश पर आना Bhul गए।
Maut Shayari No. 2 :
क्या कहूँ तुझे… Khwaab कहूँ तो टूट जायेगा,
Dil कहूँ, तो बिखर जायेगा।
आ तेरा Naam ज़िन्दगी रख दूँ,
Maut से पहले तो तेरा Saath छूट Na पायेगा।
Maut Shayari No. 3 :
Teri नजरों से दूर हो जायेंगे हम,
Durr फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम,
Meri यादों से लिपटकर रोने लगोगे,
Jab ज़मीन को ओढ़ कर सो जायेंगे हम।
Maut Shayari No. 4 :
इक तुम हो जिसे Pyaar भी याद नहीं,
इक में हूँ जिसे और कुछ Yaad नहीं,
ज़िन्दगी Maut के दो ही तो तराने हैं,
Ekk तुम्हें याद नहीं इक मुझे याद नहीं।
Shayari No. 5 :
Chain तो छिन चुका है अब बस जान बाकी है,
अभी Mohabbat में मेरा इम्तेहान बाकी है,
मिल jaana वक़्त पर ऐ मौत के फ़रिश्ते,
किसी को गिला है किसी का farmana बाकी है।
Shayari No. 6 :
तुम Dard भी हो मेरा और दर्द की दवा भी हो,
मेरी Maut का कारण भी हो तुम, जीने की Wajah भी हो,
खुली नज़रो से Tum दूर हो बहुत मुझसे,
बंद आँखों में हर जगह मेरे Pas भी हो तुम।
Shayari No. 7 :
कल Agar फुर्सत न मिली तो क्या होगा,
इतनी Mohlat न मिली तो क्या होगा,
Rozz कहते हो कल मिलेंगे कल मिलेंगे,
Kal ये आँखे न खुली तो क्या होगा।
Shayari No. 8 :
मोहबत की हर गली Gumnaam क्यों है,
जुदाई और मौत Ishq का अंजाम क्यों है,
Log देते हैं नाम इसे पाकीज़गी का,
तो ये मोहब्बत इतनी Badnam क्यों है।
Shayari No. 9 :
Itni शिद्दत से Chaha उसे की Khud को भी भुला दिया,
उनके लिए Apne दिल को कितनी ही बार रुला दिया,
Ekk बार ही ठुकराया उन्होंने,
Aur हमने खुद को Maut की नींद सुला दिया।
Shayari No. 10 :
कितना और Dard देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ऐ Khuda मेरी हस्ती मिटा दे,
Yunn घुट घुट के Jeene से तो Maut बेहतर है,
मैं कभी न जागूं Mujhe ऐसी Neend सुला दे।
Shayari No. 11 :
Maine खुदा से एक दुआ मांगी,
Duaa में अपनी मौत मांगी,
Khuda ने कहा मौत तो तुझे दे दूँ,
पर Uska क्या जिसने हर दुआ में तेरी जिंदगी मांगी।
Shayari No. 12 :
कौन जाने कब Maut का पैगाम आ जाये,
Zindagi की आखरी शाम आ जाये,
हम तो ढूंढते हैं Waqt ऐसा जब,
हमारी ज़िन्दगी आपके Kaam आ जाये।