Mohabbat Shayari 1 :
Mohabbat Shayari :
इक chuski का सफर तो जा के
दस हिचकी पे khatam हुआ
ये jurm जाम का था या मैंने
निगल लिया था maykhana…
ये madhoshi का आलम था
या सरगोशी की khamoshi
या aawajon के शोर में धिर
के bhool गया था पैमाना…
– पीयूष मिश्रा

Shayari 2:
ये dastaan लम्बी कि इतनी
Beech में थक जाऊँगा
तुम क्या sunogi कब तलक
मैं क्या bayaan कर पाऊँगा…!
अब dekh लेते हैं कि जानम
Saath में उम्मीद का
ये पल sunhara मिल गया है
इत्तेफ़ाक़न neend का…
तुम aankh मूँदे सो रहो
मैं भी jubaan को तब तलक
अच्छे से दूँ कुछ lafz वर्ना
Badjubaan हो जाऊँगा…
तुम क्या sunogi कब तलक (Kavita)
Main क्या बयां कर पाऊँगा…!
ये raat है लम्बी इतनी कि
Khwaab में कट जाएगी
कि daastanen बढ़ चलेंगी
Neend भी ना आएगी…
तुम Neend की चिन्ता करो ना
आज waada है मेरा
Tum सोच भी सकतीं नहीं मैं
क्या sunakar जाऊँगा…
तुम क्या sunogi कब तलक (Mohabbat Shayari)
Main क्या बयां कर पाऊँगा…!
कह सका जो मैं nahin इस
इक sadee की रात में
Alfaaz टूटे-से हुए गुम
इक jubaan की बात में…
बस sabr ये ही है कि आख़िर
तुम talak तो जाएगी
फिर kaun किस को कब कहाँ
मैं क्या बता ही paoonga…
ये daastaan लम्बी कि इतनी
Beech में थक जाऊँगा
तुम क्या sunogi कब तलक
मैं क्या bayaan कर पाऊँगा…
– पीयूष मिश्रा

Ishq Shayari (Kavita) – Kon kisko kya pata!!!!!