Khwaab Shayari 1 :
Khwaab Shayari:
bas यही दो मसले
zindagi भर न हल हुए,
ना नींद poori हुई
न khwaab मुकम्मल हुए।

Khwaab Shayari 2 :
एक muskaan तू मुझे एक बार दे दे,
khwaab में ही सही एक दीदार दे दे,
बस एक बार कर दे तू आने का vada,
फिर umar भर का चाहे इन्तजार दे दे।

Khwaab Shayari 3 :
दिल के सागर में लहरें uthaya ना करो,
ख्वाब बनकर neend चुराया ना करो,
बहुत chot लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यूँ tadpaya ना करो।

Shayari 4 :
खुदा का सुक्र है कि उसने khwaab बना दिए,
वरना तुम्हें देखने की तो hasrat रह ही जाती।

Shayari 5 :
मुझको दिखा रहा था जो manzilo का ख्वाब,
फिर मेरे saamne से वो रास्ता चला गया।

Shayari 6 :
टूट कर रूह में sheeshon की तरह चुभते हैं,
फिर भी हर aadmi ख़्वाबों का तमन्नाई है।
Shayari 7 :
ये ख्वाब jhoothe हैं और ये ख्वाहिशें अधूरी हैं,
मगर zinda रहने के लिए कुछ गलतफहमियां भी जरूरी है।
Shayari 8 :
आज दिल ने तेरे दीदार की khwahish रखी है,
मिले अगर fursat तो ख्वाबों मे आ जाना।
Shayari 9 :
दिन भर की थकान अब mita लीजिए,
हो चुकी रात रोशनी bujha लीजिए,
एक खूबसूरत khwaab राह देख रहा है,
बस पलकों का parda गिरा लीजिए!!
Shayari 10 :
सोने की jagah रोज़
badalta हूँ मैं लेकिन,
एक khwaab किसी तरह
बदलता ही nahi है