Confession Shayari 1 :
Confession Shayari :
Tum … तुम ख़्वाब हो या नींद या कि
Makhmali गुलाब हो
तुम vaham हो या तेज तीखी
Gudgudi शराब हो
Paani की छींटी बूॅंद हो या
फिर bhabhakti आग हो
अब तुम कहो कि क्या kahoon , तुमको मैं jaaneman मेरी…
— पीयूष मिश्रा

Confession Shayari 2 :
Mujhko कभी लगता कि तुम बस
मेरे sang आबाद हो
या फिर kabhi है ये लगे
Tum हर जगह बरबाद हो
Ammaan सरीखी फिर लगो
Choti बहन की याद हो
अब तुम कहो कि क्या kahoon तुमको मैं जानेमन मेरी… तुम vaayda हो वो कि जिसको
Bhoolna मुमकिन नहीं
तुम bhool हो जिसको कभी मैं
यूॅं ही कर baitha कहीं
— पीयूष मिश्रा
Shayari 3 :
तुम वो हो andaaja जो हर इक
Daur में निकला सही
अब तुम कहो कि क्या kahoon तुमको मैं jaaneman मेरी… तुम खून Maange हो मुझे मालूम
Tum डायन-सी हो
Tum आस को विश्वास को
Tode ढके दर्पन-सी हो
तुम jhooth भी हो
Bolteen लगता कि जैसे मन से हो
अब तुम कहो कि क्या कहूँ tumko मैं जानेमन मेरी… तुम kaash कि बिटिया मेरी
— पीयूष मिश्रा