Desh Bhakti Shayari 1 :
Desh Bhakti Shayari :
सरफ़रोशी की tamanna ab हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना baazu-e-qaatil में है ।
एक से करता नहीं क्यों doosra कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप teri महफिल में है ।
ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं tere ऊपर निसार
अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की mehfil में है ।
सरफ़रोशी की tammana अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर kitna बाजु-ए-कातिल में है ।
रहबरे-राहे-मोहब्बत रह न jana राह में
लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए manzil मेंहै ।
यूँ खड़ा मकतल में कातिल कह raha है बार-बार
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी kisi के दिल में है?
वक्त आने दे बता देंगे tujhe ऐ आसमाँ,
हम अभी से क्या बतायें kya हमारे दिल में है ।
खींच कर लाई है सबको katl होने की उम्मींद,
आशिकों का आज jamghat कूंच-ए-कातिल में है ।
सरफ़रोशी की tammana अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर kitna बाजु-ए-कातिल में है ।
है लिये हथियार dushman ताक में बैठा उधर
और हम तैय्यार हैं seena लिये अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर vatan मुश्किल में है
सरफरोशी की तमन्ना अब hamare दिल में है
हाथ जिनमें हो जुनून कटते नहीं talwar से
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं lalkaar से
और भडकेगा जो शोला-सा hamare दिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे dil में है
हम तो निकले ही थे घर से baandhkar सर पे कफ़न
जाँ हथेली पर लिये लो बढ chale हैं ये कदम
जिंदगी तो अपनी मेहमाँ maut की महफ़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे dil में है
दिल मे तूफानों की टोली और naso में इन्कलाब
होश दुश्मन के uda देंगे हमें रोको न आज
दूर रह पाये जो हमसे दम kaha मंजिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब hamare दिल में है
देखना है जोर kitna बाजु-ए-कातिल में है ।
Desh Bhakti Shayari 2 :
भारतमाता तुम्हें pukare आना ही होगा,
कर्ज अपने देश का chukana ही होगा,
दे करके कुर्बानी apni जान की,
तुम्हे मरना भी होगा marna भी होगा।
Desh Bhakti Shayari 3 :
किसी गजरे की खुशबु को mehakta छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता chhod आया हूँ,
मुझे छाती से apni तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता chhod आया हूँ।
Desh Bhakti Shayari 4 :
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर mit जाते हैं,
मरकर भी वो लोग amar हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए vatan पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का naseeb बसता है…
Desh Bhakti Shayari 5 :
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल aagaz आयेगा,
मेरे lahu का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है tumse मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने waalo का सैलाब आयेगा
Shayari 6 :
इतनी सी बात हवाओं को bataye रखना
रौशनी होगी चिरागों को jalaye रखना
लहू देकर की है जिसकी hifazat हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा dil में बसाये रखना
Shayari 7 :
जब आँख खुले तो धरती hindustan की हो:
जब आँख band हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो:
हम मर भी जाए तो कोई gam नही लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी hindustan की हो।
Shayari 8 :
लुटेरा है अगर आजाद तो apmaan सबका है,
लुटी है एक बेटी तो लुटा samman सबका है,
बनो इंसान पहले छोड़ कर tum बात मजहब की,
लड़ो milkar दरिंदों से ये हिंदुस्तान सबका है।
Shayari 9 :
ज़माने भर में मिलते हे aashiq कई ,
मगर वतन से खूबसूरत कोई sanam नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में simatkar मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत koi कफ़न नहीं होता
Shayari 10 :
कतरा – कतरा भी दिया vatan के वास्ते ,
एक बूँद तक ना बचाई इस tan के वास्ते ,
यूं तो मरते है laakho लोग हर रोज़ ,
पर मरना तो वो है जो जान जाये vatan के वास्ते …
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Desh Bhakti shayari 1
Very Good Desh Bhakti Shayari.