Chand Shayari 1 :
Chand Shayari :
mohabbat में झुकना कोई अजीब बात नहीं,
चमकता suraj भी तो ढल जाता है चाँद के लिए…

Chand Shayari 2:
सारी रात गुजारी हमने इसी intzaar में की,
अब तो चाँद निकलेगा aadhi रात में….
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Chand Shayari 3 :
चाँद से pyari चादनी,
चादनी से pyari रात,
raat से प्यारी ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से pyare आप ….

Shayari 4 :
तू अपनी निगाहों से न dekh खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे patthar लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का tukda है तू,
मेरी नजर से chand तेरा टुकड़ा लगेगा।
Shayari 5 :
पत्थर की दुनिया jazbaat नहीं समझती,
दिल में क्या है वो baat नहीं समझती,
तनहा तो चाँद भी sitaro के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो raat नहीं समझती।
Shayari 6 :
कितना haseen चाँद सा चेहरा है,
उस पर shabab का रंग गहरा है,
खुदा को yakeen न था वफ़ा पर,
तभी चाँद पर taaron का पहरा है।
Shayari 7 :
न चाहकर भी मेरे lab पर
ये fariyad आ जाती है,
ऐ chand सामने न आ
किसी की yaad आ जाती है।
Shayari 8 :
ऐ chand मुझे बता तू मेरा क्या लगता है,
क्यूँ मेरे साथ सारी raat जगा करता है,
मैं तो बन बैठा हूँ deewana उनके प्यार में,
क्या तू भी किसी से bepanah मोहब्बत करता है।
Shayari 9 :
बेचैन इस क़दर था कि soya न raat भर
palko से लिख रहा था तेरा नाम chand पर।
Shayari 10 :
रातों में टूटी छतों से tapakta है चाँद,
बारिशों सी harkate भी करता है चाँद…
Chand shayari
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