Afsos Shayari No. 1:
Afsos Shayari :
Mohabbat में लाखों zakhm खाए हमने।
Afsos उन्हें हम पर aitbaar नहीं।
Mat पूछो क्या गुजरती है dil पर।
जब वो kehte है हमें तुमसे mohabbat नहीं।
Afsos Shayari No. 2:
जो baat मुनासिब है वो hasil नहीं करते,
जो apni गिरह में हैं वो kho भी रहे हैं,
बे-इल्म भी हम log हैं ग़फ़लत भी है teri,
Afsos के अंधे भी हैं aur सो भी रहे हैं।
Afsos Shayari No. 3:
मैं फना हो गया afsos वो badla भी नहीं,
Meri चाहतों से भी sachi रहीं नफरतें उसकी।
Afsos Shayari No. 4:
अब hawa जिधर जाये मैं भी udhar जाऊंगा,
Mai खुश्बू हूँ हवाओं में bikhar जाऊंगा,
Afsos तुम्हें होगा मुझे सताओगे agar,
मेरा क्या jitna भी जलाओगे उतना ही nikhar जाऊंगा।

Shayari No. 5:
Mat रहो दूर हमसे itna कि
Apne फैसले पर afsos हो जाए,
kal को शायद aisi मुलाकात हो हमारी, कि
Aap हमसे लिपटकर रोये और हम khamoshi हो जाए।
Shayari No. 6:
सूना सूना है dil मेरा,सूनी meri ये सोच है,
Tum समझ न पाए iss सुनेपन की गहराइयों को,
हर लम्हा bas इसी बात का afsos है।
Shayari No. 7:
Zindagi जीने के liye मिली थी,
Afsos ऐ यारो…
Maine उसके इंतज़ार में गुजार di…
Shayari No. 8:
तकदीर kya लिखूं muqaddar के सामने,
Kitaab ने क़त्ल कर दिया मेरे ghar के सामने,
Saari बस्ती जलती तो afsos न होता,
Tanha मेरा ही घर जलता rha समुन्दर के सामने।

Shayari No. 9:
Iss चमन में उदासी bani रह गयी,
Tum न आये, तुम्हारी kami रह गयी।
Hasrato में जिया फिर भी Afsos है,
जुस्तजू दुआओं की bachi रह gayi…
Dil जलाने से फुर्सत कहाँ थी usse,
शम्मा jo थी बुझी वो बुझी रह gayi…
जो mila था बसर के लिये kam न था,
पर jarurat नयी कुछ lagi रह गयी।
पत्थरों के dilo में naami देखिये,
Jo उगी घास थी वो हरी reh गयी।
जिस nazar की हिमायत में tum थे सदा,
वो नज़र jo झुकी की झुकी reh गयी।
ओस के chand कतरों से hota भी क्या,
प्यास jaisi थी वैसी ही reh गयी।
Shayari No. 10:
Pattar समझ कर पांव से ठोकर lagaa दी,
अफ़सोस teri आँख ने परखा नहीं mujhe,
Kya उम्मीदें बाँध कर aaya था सामने,
उस ने तो aankh भर कर देखा नहीं mujhe
Shayari No. 11:
रखते थे hoothon पे उँगलियाँ जो मेरे मरने के naam से,
Afsos वही लोग मेरे dil के कातिल निकले।
Shayari No. 12:
इस dil से उसको bhula नहीं सकते,
ऐसा kyun है ये बता नहीं sakte,
Mushkil तो ये है कि वो yakeen नहीं करते,
और afsos, हम दिल चीर कर dikha नहीं सकते।
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